RNI NEWS-सतबीर सिंह ‘दर्दी’ के अचानक चले जाने के बाद पत्रकारो में शोक की लहर
RNI NEWS-सतबीर सिंह ‘दर्दी’ के अचानक चले जाने के बाद पत्रकारो में शोक की लहर
जालंधर (जसकीरत राजा) मीडिया जगत में एक जाना-पहचाना नाम सतबीर सिंह ‘दर्दी’ के अचानक चले जाने के बाद इस नश्वर दुनिया से शिव कुमार बटालवी के शब्द, याद कम उम्र में अलविदा कहने के बाद पत्रकार समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई चली गई शिव के शब्द ‘जोबन रटे जो मरदा फूल बन या तारा’ शांति से नहीं सोते हैं मुझे आश्चर्य है कि फूलों की संख्या कम क्यों है रिश्तेदारों के अलावा यह अलगाव सतबीर के चाहने वालों के लिए भी असहनीय और असहनीय है सतबीर का जन्म 11 मार्च, 1978 को सरदार जगजीत सिंह ‘दर्दी’ और माँ सरदारनी जसविंदर कौर के घर में हुआ था। मोदी कॉलेज, पटियाला से स्नातक करने के बादउन्होंने अच्छे अंकों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका से एमबीए की डिग्री प्राप्त की पत्रकारिता उनकी विरासत थी अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने कम उम्र में ही पत्रकारिता की कला सीख ली प्रिंट मीडिया के बाद वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी अमानवीय बना रहा था जब वह अचानक एक बाज द्वारा छीन लिया गया था अपनी चुंबकीय खींचतान के कारण,सतबीर पहली मुलाकात में सभी को अपना बना लेता था बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र, मलकीत सिंह,दिलजीत दोसांझ और राजनीतिक दिग्गज प्रकाश सिंह बादल के साथ ली गई तस्वीरों में सतबीर की दोस्ती का बड़ा दायरा दिखा यही वजह है कि सतबीर को देश-विदेश से कई पुरस्कार मिले सतबीर ने कई मौकों पर देश के विभिन्न प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की और उन्हें कवर किया। 2003 में वह भारतीय प्रधान मंत्री की कनाडा यात्रा को कवर करने गए वह जर्मनी में 2007 जी -20 शिखर सम्मेलन में भारतीय मीडिया टीम का हिस्सा थे 2010 में उन्होंने वैश्विक वित्तीय प्रणाली की बैठक को कवर करने के लिए टोरंटो की यात्रा की इस वर्ष जी -20 के कवरेज के लिए उन्होंने तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री, डॉ मैं मनमोहन सिंह के साथ कनाडा गया था मैं उनके साथ था प्रिंट मीडिया के लिए समाचार लिखने के अलावा सतबीर ने उत्कृष्ट फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की वह एक ही समय में कई काम करने में सक्षम था डॉ मनमोहन सिंह और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उन्होंने जो लुभावना तस्वीरें खींचीं वे बहुत प्रशंसित थीं मैं चाहता हूँ सतबीर ने एक लंबा जीवन जिया होगा और पत्रकारिता के क्षेत्र में और अधिक यादगार दौर बना सकता है 2015 में उन्होंने तुर्की में आर्थिक सुधार पर एक कार्यक्रम में अपने संगठन का प्रतिनिधित्व किया वह यूके में ‘वेलकम मोदी’ कार्यक्रम में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीडिया टीम में शामिल हुए उन्होंने अपने संगठन की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीका,फ्रांस, ब्राजील,मनीला,फिलीपींस, टोक्यो,न्यूजीलैंड, जर्मनी और अन्य देशों का भी दौरा किया पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी उन्होंने लोगों का प्यार इस हद तक हासिल किया कि हर कोई उन्हें अपना मानता था सतबीर के जाने के बाद उनके चाहने वालों को एक बड़ा नुकसान हुआ है उनके साथ दोस्त,माता-पिता,उनकी पत्नी डॉ गुरलीन कौर दर्दी,बेटी जपजी कौर और बेटे एकबीर सिंह को कभी न खत्म होने वाले दर्द के साथ छोड़ दिया गया है